प्रयागराज में जल योग | प्रयागराज में तैरकों का अनोखा योग अभ्यास! | अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का अनूठा उत्सव!

प्रयागराज में जल योग | प्रयागराज में तैरकों का अनोखा योग अभ्यास! | अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का अनूठा उत्सव!

प्रयागराज में जल योग | प्रयागराज में तैरकों का अनोखा योग अभ्यास! | अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का अनूठा उत्सव!

प्रयागराज में आगामी विश्व योग दिवस (International Yoga Day) को एक अविस्मरणीय और विशिष्ट स्वरूप देने के उद्देश्य से, संगम नगरी की जीवनदायिनी नदी यमुना में जलयोग (Water Yoga) का एक अनूठा आयोजन किया जा रहा है। इस खास पहल के लिए शहर के कुशल तैराकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि वे जल में विभिन्न योगासनों का प्रदर्शन कर सकें और दूसरों को प्रेरित कर सकें।

यह आयोजन केवल योग का प्रदर्शन ही नहीं, बल्कि जागरूकता फैलाने का माध्यम भी बना। प्रशिक्षण ले रहे तैराक योगासन के रंगीन पोस्टर हाथों में लिए नदी किनारे या उथले पानी में खड़े होकर लोगों को योग के महत्व के प्रति जागरूक करते नजर आए। उन्होंने राहगीरों और आसपास के लोगों को बताया कि कैसे योग हमारे जीवन का अभिन्न अंग बनकर हमें स्वस्थ और खुशहाल बना सकता है।

इस जलयोग प्रशिक्षण और जागरूकता अभियान में शहर के तैराकी सीखने वाले नवोदित प्रशिक्षुओं के साथ-साथ बड़ी संख्या में उत्साही युवा और विभिन्न शिक्षण संस्थानों के छात्रों ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया। इन सभी प्रतिभागियों में विश्व योग दिवस को लेकर और इस नए माध्यम - जलयोग - से जुड़ने का खासा उत्साह और उमंग देखा गया।

प्रशिक्षण सत्र के दौरान, अनुभवी तैराकी प्रशिक्षक के कुशल मार्गदर्शन में सभी प्रतिभागियों ने जल के भीतर और जल की सतह पर रहते हुए विभिन्न महत्वपूर्ण योग मुद्राओं और प्राणायाम का अभ्यास किया। इसमें सूर्य नमस्कार के कुछ रूपांतरित आसन, शांतिदायक शवासन, स्थिरता देने वाला वज्रासन, शरीर को लचीला बनाने वाला मत्स्यासन, और श्वास को नियंत्रित करने वाला अनुलोम-विलोम शामिल था। इन आसनों के साथ ही पूरे वातावरण में 'ओम' के पवित्र उच्चारण की गूंज भी सुनाई दी, जिससे एक शांत और आध्यात्मिक माहौल बना। यह प्रशिक्षण दर्शाता है कि कैसे जल के प्राकृतिक प्रतिरोध और स्थिरता का उपयोग योग अभ्यास को गहरा करने के लिए किया जा सकता है।

आयोजकों ने बताया कि यह प्रशिक्षण सत्र आगामी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मुख्य आयोजन की तैयारी है। 21 जून को विश्व योग दिवस के अवसर पर भी इसी तरह भव्य पैमाने पर यमुना नदी में जलयोग का मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें अधिक से अधिक लोगों के शामिल होने की उम्मीद है।

जलयोग के इस अभिनव रूप के बारे में विस्तार से बताते हुए, मुख्य प्रशिक्षक प्रणव उपमन्‍यु ने इसके विशिष्ट लाभों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पानी के भीतर श्वास को नियंत्रित करने, रोकने और फिर धीरे-धीरे छोड़ने की प्रक्रिया फेफड़ों की क्षमता (lung capacity) को अद्भुत तरीके से बढ़ाती है। जल का प्रतिरोध मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करता है, जबकि पानी की शीतलता और ठहराव मन को शांत करता है। प्रशिक्षक प्रणव उपमन्‍यु ने जोर देकर कहा कि जलयोग हमारे शरीर के लिए अत्यंत लाभकारी है। यह न केवल शारीरिक रूप से हमें मजबूत और लचीला बनाता है, बल्कि जल के शांत वातावरण में किया गया योग अभ्यास हमारी आध्यात्मिक यात्रा में भी सहायक होता है और मन को असीम शांति प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि वे विश्व योग दिवस को प्रयागराज में अब तक का सबसे भव्य और यादगार आयोजन बनाने के लिए पूरी मेहनत से तैयारी कर रहे हैं।

वहीं, इस प्रशिक्षण शिविर में हिस्सा लेने पहुंचे तैराकों ने जलयोग के अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि इससे उन्हें "दोहरा फायदा" होता है। उन्होंने कहा कि एक तैराक के रूप में उनके लिए फेफड़ों की मजबूती बहुत महत्वपूर्ण है, और जलयोग में किए जाने वाले श्वास संबंधी व्यायाम उनके फेफड़ों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं। इसके साथ ही, योग के लचीलेपन और शक्ति से उनकी तैराकी क्षमता में भी सुधार हो रहा है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि योग के माध्यम से हम कई तरह की बीमारियों से अपना बचाव कर सकते हैं। उन्होंने आम लोगों से अपील की कि वे अपने व्यस्त दिनचर्या में से अपने स्वास्थ्य के लिए कम से कम 10 मिनट का समय अवश्य निकालें और योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।

एक अन्य उत्साही महिला तैराक और प्रतिभागी वंशिका ने अपने अनुभव बताते हुए कहा कि यह सर्वविदित है कि स्वस्थ और निरोगी काया के लिए नियमित रूप से योग करना बेहद आवश्यक है। योग हमें शारारिक और मानसिक दोनों तरह से मजबूत बनाता है और कई बीमारियों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि योग बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर आयु वर्ग के व्यक्ति के लिए समान रूप से फायदेमंद है। यह शरीर को मजबूती देता है, लचीलापन बढ़ाता है और शारीरिक व मानसिक तनाव जैसी दिक्कतों को दूर करने में सहायक होता है। वंशिका ने विशेष रूप से जलयोग के बारे में कहा कि जब हम पानी के शांत और शीतल वातावरण में योगासन करते हैं, तो यह मन को एक अद्वितीय शांति और सुकून प्रदान करता है, जो सामान्य योग में मिलना थोड़ा मुश्किल होता है। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर योग के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथन का भी उल्लेख किया कि शरीर को स्वस्थ और निरोगी रखने के लिए योग का अभ्यास करना बहुत जरूरी है।

कुल मिलाकर, प्रयागराज में यमुना नदी में आयोजित हो रहा यह जलयोग प्रशिक्षण सत्र विश्व योग दिवस को मनाने का एक अभिनव और प्रेरणादायक तरीका है, जो शहर के प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करते हुए लोगों को स्वास्थ्य और कल्याण के प्रति जागरूक कर रहा है। यह आयोजन न केवल योग के पारंपरिक लाभों को उजागर करता है बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे इसे नए और रोमांचक तरीकों से अभ्यास में लाया जा सकता है।