छात्रों के शोषण के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने उठाई आवाज, अवैध कॉलेजों पर कार्रवाई की मांग

छात्रों के शोषण के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने उठाई आवाज, अवैध कॉलेजों पर कार्रवाई की मांग

छात्रों के शोषण के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने उठाई आवाज, अवैध कॉलेजों पर कार्रवाई की मांग

जालौन, 18 जून । अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने बुधवार को उरई शहर में बिना मान्यता वाले कॉलेजों के खिलाफ मोर्चा खोला। संगठन ने इन संस्थानों पर छात्रों का शोषण करने और अवैध रूप से फीस वसूलने का आरोप लगाया है। ABVP कार्यकर्ताओं ने इस मामले में उरई कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई है।

ABVP का आरोप है कि शहर में कुछ शिक्षण संस्थान छात्रों को झूठे वादे करके उनका शोषण कर रहे हैं। ये संस्थान बिना यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) या सरकारी मान्यता के छोटी-छोटी दुकानों में डिग्रियां बेच रहे हैं। छात्रों की मार्कशीट और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त कर लिए जाते हैं और फिर उन्हें मनमानी फीस भरने के लिए मजबूर किया जाता है। विरोध करने पर छात्रों को धमकी दी जाती है और उनसे पैसे वसूले जाते हैं। ABVP का कहना है कि ये संस्थान छात्रों को फर्जी सर्टिफिकेट भी जारी करते हैं।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रांतीय सहमंत्री चित्रांशु सिंह ने कहा कि ये संस्थान छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक छोटी सी दुकान में पांच कॉलेज चलाना सरासर धोखाधड़ी है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि ऐसे सभी अवैध संस्थानों को तत्काल बंद किया जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। चित्रांशु सिंह ने यह भी कहा कि ABVP छात्रों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और इस तरह के शोषण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने अन्य छात्र संगठनों और आम जनता से भी इस मुद्दे पर ABVP का समर्थन करने की अपील की।

उरई थाना प्रभारी अरुण कुमार राय ने बताया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं की ओर से शिकायत दर्ज कराई गई है। उन्होंने कहा कि पुलिस मामले की जांच करेगी और शिक्षा विभाग को भी इस बारे में सूचित कर दिया गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि यदि कोई संस्थान अवैध गतिविधियों में लिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

इस घटना से एक बार फिर शिक्षा के क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का मुद्दा सामने आया है। यह देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है और छात्रों को इन शोषणकारी संस्थानों से बचाने के लिए क्या कदम उठाता है।