पीड़ित, दलित, वंचित और गरीब पीडीए का हिस्सा: अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी का नया राजनीतिक विमर्श और भाजपा पर हमले

पीड़ित, दलित, वंचित और गरीब पीडीए का हिस्सा: अखिलेश यादव

लखनऊ, 17 जून । समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाल ही में 'पीडीए' (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) के अपने राजनीतिक विमर्श को और विस्तारित करते हुए एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि उनका 'पीडीए' केवल एक राजनीतिक गठबंधन नहीं, बल्कि समाज के पीड़ित, दलित, वंचित और गरीब तबकों का एक गहरा भावनात्मक गठबंधन है। इस विमर्श का विस्तार करते हुए उन्होंने घोषणा की कि अब इसमें पसमांदा समाज भी शामिल हो गया है। अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि उनके लिए 'पी' का एक अर्थ पसमांदा समाज भी है, जो पिछड़े और वंचित मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधित्व करता है। यह बयान सपा की समावेशी राजनीति और समाज के विभिन्न वर्गों को साधने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

समाजवादी पार्टी मुख्यालय में मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राज्य के आगामी राजनीतिक परिदृश्य और विभिन्न मुद्दों पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी आगामी पंचायत चुनावों के लिए पूरी तरह तैयार है और जनता के बीच जाकर अपनी नीतियों को रखेगी।

भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी लगातार समाजवादी पार्टी के वोट बैंक को कम करने के लिए सुनियोजित तरीके से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा की ये रणनीति अब जनता के सामने उजागर हो रही है और लोग इसे समझने लगे हैं।

उन्होंने सबसे तीखा हमला जातीय जनगणना के मुद्दे पर बोला, जिसकी अधिसूचना जारी करने की मांग लंबे समय से हो रही है। सपा अध्यक्ष ने भाजपा सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि जो सरकार अभी तक अपने किसी भी काम को सही ढंग से पूरा नहीं करा पाई है, उससे जातीय जनगणना जैसे महत्वपूर्ण और जटिल कार्य को पूरा करने की अपेक्षा कैसे की जा सकती है। उन्होंने सरकार की मंशा और क्षमता दोनों पर संदेह व्यक्त किया।

राज्य और केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि जिन राजनीतिक दलों ने कभी स्वदेशी का नारा दिया था, उन्होंने अपनी नीतियों से हमारे देश के बाज़ार को विदेशियों के हवाले कर दिया है। उन्होंने उत्तर प्रदेश में दूध उत्पादन की स्थिति पर चिंता जताई और आरोप लगाया कि सरकार की तरफ से जो मदद किसानों और पशुपालकों को मिलती थी, उसे भी बंद कर दिया गया है। उन्होंने आगाह किया कि जल्द ही प्रदेश में बिजली महंगी होने जा रही है, जिससे आम जनता पर महंगाई का और बोझ बढ़ेगा।

अखिलेश यादव ने दावा किया कि भाजपा सरकार लगातार महंगाई और बेरोज़गारी बढ़ा रही है, जिससे समाज का हर वर्ग त्रस्त है। उन्होंने भाजपा के दुष्प्रचार तंत्र को सबसे खतरनाक बताते हुए कहा कि भाजपा के पास इतना अधिक संसाधन है कि वह किसी भी व्यक्ति या दल को बदनाम करने के लिए जिस स्तर का दुष्प्रचार कर सकती है, उसकी कल्पना करना भी मुश्किल है। उन्होंने कहा कि भाजपा की नकारात्मक राजनीति का मुकाबला करना आसान नहीं है।

अंत में, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की कि उनकी पार्टी राज्य के बुनकरों की समस्याओं और उनके उत्थान के उपायों पर एक विस्तृत दस्तावेज़ तैयार करेगी। उन्होंने कहा कि यह डॉक्यूमेंट आने वाले समय में समाजवादी पार्टी के विधानसभा/लोकसभा चुनाव घोषणापत्र (मैनिफेस्टो) का हिस्सा बनेगा, जो बुनकर समुदाय के प्रति पार्टी की प्रतिबद्धता को दर्शाएगा। बुनकर उत्तर प्रदेश में एक महत्वपूर्ण कारीगर समुदाय और वोट बैंक हैं, जो अक्सर आर्थिक कठिनाइयों का सामना करते हैं। इस कदम को इस समुदाय को साधने की ओर एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।