गाजियाबाद में कांस्टेबल की बहादुरी: महिला की जान बचाई, खुद की गंवाई
हिंडन नहर में कूदकर महिला को बचाया, खुद शहीद हुए कांस्टेबल

गाजियाबाद के कौशांबी क्षेत्र में शनिवार का दिन एक मार्मिक और हृदय विदारक घटना का गवाह बना। दोपहर के समय, कौशांबी के पास हिंडन नहर के किनारे से गुजर रहे लोगों ने देखा कि एक महिला अचानक नहर के गहरे और तेज़ बहाव वाले पानी में कूद गई। महिला ने यह कदम कथित तौर पर अपने घर में हुए किसी घरेलू विवाद के चलते उठाया था।
यह दृश्य देख मौके पर मौजूद ट्रैफिक पुलिस के जवान, जो पास ही तैनात थे, तुरंत हरकत में आए। ट्रैफिक कांस्टेबल अंकित तोमर और ट्रैफिक सब-इंस्पेक्टर (TSI) रवि ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए, बिना अपनी जान की परवाह किए, उस डूबती हुई महिला को बचाने के लिए तत्काल नहर के उफनते जल में छलांग लगा दी। उनका उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ उस बेबस महिला को बचाने का था।
बचाव अभियान अत्यंत जोखिम भरा था। हिंडन नहर का पानी इस क्षेत्र में काफी गहरा है और अक्सर उसमें गंदगी और औद्योगिकी कचरा भी होता है, जिससे बचाव कार्य और भी कठिन हो जाता है। इसके बावजूद, दोनों बहादुर पुलिसकर्मी पानी में उतर गए और महिला की ओर बढ़ने लगे।
अथक प्रयासों के बावजूद, पानी के अप्रत्याशित बहाव और गहराई ने स्थिति को जटिल बना दिया। किसी तरह TSI रवि और आत्महत्या का प्रयास कर रही महिला को तो सुरक्षित रूप से नहर से बाहर निकाल लिया गया। उन्हें तत्काल प्राथमिक उपचार दिया गया। लेकिन दुर्भाग्यवश, बचाव कार्य के दौरान कांस्टेबल अंकित तोमर गहरे और गंदे पानी की चपेट में आ गए। पानी के तेज़ बहाव और दलदल जैसी स्थिति में वह फंस गए और डूबने लगे।
जैसे ही यह एहसास हुआ कि अंकित तोमर दिखाई नहीं दे रहे हैं, मौके पर हड़कंप मच गया। तुरंत अन्य पुलिसकर्मियों, स्थानीय लोगों और बचाव दलों को बुलाया गया। नहर में डूबे कांस्टेबल की तलाश के लिए बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया गया। गोताखोरों और स्थानीय तैराकों की मदद से करीब एक घंटे तक नहर के उस हिस्से में सघन खोजबीन की गई।
काफी मशक्कत के बाद, कांस्टेबल अंकित तोमर को अचेत अवस्था में नहर से बाहर निकाला गया। उन्हें तुरंत एम्बुलेंस से पास के एक अस्पताल में ले जाया गया। डॉक्टरों ने उनकी जान बचाने की हर संभव कोशिश की, लेकिन अफसोस, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
कांस्टेबल अंकित तोमर मूल रूप से उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के निवासी थे। वे गाजियाबाद ट्रैफिक पुलिस में कांस्टेबल के पद पर तैनात थे और अपनी कर्तव्यनिष्ठा व बहादुरी के लिए जाने जाते थे। उनकी आकस्मिक और दुखद मृत्यु की खबर सुनते ही गाजियाबाद पुलिस विभाग में शोक की लहर दौड़ गई। सहकर्मी और वरिष्ठ अधिकारी इस बहादुर जवान के सर्वोच्च बलिदान से स्तब्ध थे।
पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गोड सहित गाजियाबाद पुलिस के तमाम वरिष्ठ अधिकारियों ने कांस्टेबल अंकित तोमर के आवास पहुंचकर उनके परिवार को सांत्वना दी और इसके बाद उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए। कांस्टेबल अंकित तोमर को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई, जिसमें गार्ड ऑफ ऑनर और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित करना शामिल था। यह राजकीय सम्मान उनकी असाधारण बहादुरी और कर्तव्य पथ पर दिए गए सर्वोच्च बलिदान का प्रतीक था।
इस घटना ने एक बार फिर से पुलिस जवानों द्वारा आम नागरिकों की जान बचाने के लिए उठाए जाने वाले जोखिमों को उजागर किया है। कांस्टेबल अंकित तोमर ने एक अनजान व्यक्ति की जान बचाने के प्रयास में अपनी जान कुर्बान कर दी। उनकी यह बहादुरी, साहस और कर्तव्यनिष्ठा हमेशा याद रखी जाएगी। गाजियाबाद पुलिस और पूरा देश उनके इस बलिदान को सलाम करता है। उनकी वीरता की कहानी पुलिस बल और समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी।