प्रयागराज में तीसरे बड़े मंगल का उल्लास: श्री बड़े हनुमान मंदिर में उमड़ा जनसैलाब
प्रयागराज में तीसरे बड़े मंगल का उल्लास: श्री बड़े हनुमान मंदिर में उमड़ा जनसैलाब

आज ज्येष्ठ मास का तीसरा बड़ा मंगल पूरे श्रद्धा और भक्तिभाव के साथ मनाया जा रहा है, और इसका केंद्र बना है प्रयागराज का ऐतिहासिक श्री बड़े हनुमान मंदिर। संगम नगरी के बंधवा स्थित इस प्रसिद्ध मंदिर में आज सुबह सूर्योदय से पहले ही भक्तों की भारी भीड़ उमड़नी शुरू हो गई थी, जो दिन चढ़ने के साथ-साथ अनियंत्रित होने लगी। दूर-दराज के क्षेत्रों से आए श्रद्धालु लेटे हुए हनुमान जी के अद्वितीय स्वरूप के दर्शन के लिए लंबी कतारों में खड़े अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। पूरा मंदिर परिसर "जय श्री राम" और "जय हनुमान" के जयकारों से गूंज रहा है।
श्रद्धा और अनुष्ठान का माहौल
मंदिर के भीतर और बाहर का वातावरण पूरी तरह भक्तिमय हो गया है। श्रद्धालु अपने आराध्य बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न प्रकार की पूजा सामग्री लेकर पहुंचे हैं। भीड़ के बीच भी भक्तगण पूरी निष्ठा के साथ हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ कर रहे हैं, जिससे एक अद्भुत आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हो रहा है। हनुमान जी को सिंदूर और चोला चढ़ाने का विशेष महत्व होने के कारण बड़ी संख्या में भक्तगण ये वस्तुएं अर्पित कर रहे हैं। इसके अलावा, फूल मालाएं, बेसन और बूंदी के लड्डू तथा अन्य प्रिय भोग लगाकर भक्त अपनी मनोकामनाएं सिद्धि की प्रार्थना कर रहे हैं।
बड़े मंगल का महत्व और मान्यताएं
ज्येष्ठ मास में आने वाले मंगलवार को बड़ा मंगल के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस महीने में हनुमानजी पृथ्वी पर विशेष रूप से भ्रमण करते हैं और भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं। ज्येष्ठ मास में हनुमानजी के वृद्धावस्था स्वरूप की पूजा करने का विशेष विधान है, यही कारण है कि बड़े मंगल को बुढ़वा मंगल के नाम से भी पुकारा जाता है। विधि विधान से इस दिन हनुमान जी की पूजा अर्चना करने और उन्हें सिंदूर व चोला अर्पित करने से भक्त के जीवन के सभी कष्टों, दुखों और बाधाओं का नाश होता है। हनुमानजी की कृपा से जीवन में हर प्रकार के सुख-समृद्धि और वैभव की प्राप्ति होती है।
बड़ा मंगल केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सेवा और दान का भी पर्व है। इसे बुद्धि मंगल (हनुमान जी की बुद्धि और विवेक का स्मरण) और भक्त मंगल (हनुमान जी की श्रीराम के प्रति अनन्य भक्ति का प्रतीक) के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन व्रत रखने और विधिपूर्वक हनुमानजी की आराधना करने वाले भक्तों की कुंडली में मौजूद मंगल दोष भी शांत होता है। बड़े मंगल के पावन अवसर पर हनुमानजी के भक्त जगह-जगह भंडारों (सामुदायिक भोजन) और प्याऊ (पानी वितरण) का आयोजन करते हैं, जिससे जरूरतमंदों की सेवा हो सके और हनुमानजी की कृपा प्राप्त हो।
आज का विशेष संयोग: बड़ा मंगल, अमावस्या और शनि जयंती
आज का दिन अत्यंत विशेष है क्योंकि आज तीसरे बड़े मंगल के साथ-साथ ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि और शनि जयंती का महापर्व भी है। यह एक दुर्लभ और अत्यंत शुभ संयोग है। इस दिन हनुमानजी की पूजा करने के साथ-साथ शनिदेव और पितरों की पूजा करने का भी विधान है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, हनुमानजी और शनिदेव के बीच एक विशेष संबंध है (माना जाता है कि हनुमानजी ने शनिदेव को रावण की कैद से मुक्त कराया था, जिसके बाद शनिदेव ने हनुमान भक्तों को कभी परेशान न करने का वचन दिया था)। इसलिए इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से शनि की साढ़े साती, ढैय्या या अन्य शनि दोषों से भी मुक्ति मिलती है। पितरों की पूजा करने से पितृ दोष शांत होता है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। आज के इस त्रिवेणी संयोग में हनुमान जी, शनिदेव और पितरों की एक साथ पूजा-अर्चना करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-शांति व समृद्धि आती है।
कुल मिलाकर, प्रयागराज का श्री बड़े हनुमान मंदिर आज आस्था और भक्ति का केंद्र बना हुआ है, जहां हजारों भक्त इस पावन बड़े मंगल के अवसर पर हनुमान जी की कृपा पाने के लिए एकत्रित हुए हैं। यह पर्व न केवल धार्मिक अनुष्ठानों का, बल्कि सामुदायिक सेवा और दान के महत्व को भी दर्शाता है।