सरकारी डॉक्टरों की निजी प्रैक्टिस पर प्रयागराज DM की सख्ती, सरकारी डॉक्टरों की ओपीडी उपस्थिति अनिवार्य

सरकारी अस्पतालों में MR और दलालों की एंट्री बंद

सरकारी डॉक्टरों की निजी प्रैक्टिस पर प्रयागराज DM की सख्ती, सरकारी डॉक्टरों की ओपीडी उपस्थिति अनिवार्य

सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को बढ़ाने और उन्हें उत्कृष्टता के नए आयामों तक ले जाने के अपने निरंतर प्रयासों के तहत, जिलाधिकारी, प्रयागराज ने आज चिल्ड्रन हॉस्पिटल का व्यापक निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ अस्पताल के प्राचार्य और विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष (HODs) उपस्थित थे।

निरीक्षण के दौरान, जिलाधिकारी ने अस्पताल के विभिन्न वार्डों, ओपीडी ब्लॉक, गैलरी और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों का गहन जायजा लिया। इसका मुख्य उद्देश्य मरीजों को मिल रही सुविधाओं और अस्पताल की समग्र व्यवस्था का मूल्यांकन करना था। इस सघन निरीक्षण में कुछ ऐसी कमियां सामने आईं, जिन्हें तत्काल दूर करने की आवश्यकता है। इन कमियों को गंभीरता से लेते हुए, जिलाधिकारी ने अस्पताल प्रबंधन, विशेष रूप से प्राचार्य और संबंधित विभागाध्यक्षों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे एक निर्धारित समय-सीमा के भीतर इन सभी चिन्हित कमियों को दूर करने के लिए मिलकर ठोस कदम उठाएं।

आगामी भीषण गर्मी के मौसम और बच्चों के स्वास्थ्य पर इसके संभावित प्रभाव को देखते हुए, उन्होंने वार्डों में मरीजों के लिए ठंडे और आरामदायक वातावरण सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया कि सभी खराब पड़े एयर कंडीशनर (AC) की तत्काल मरम्मत कराई जाए और जो AC पूरी तरह से खराब हो चुके हैं, उन्हें अविलंब बदला जाए। इसके अतिरिक्त, अस्पताल में आने वाले मरीजों के साथ उनके तीमारदारों (अटेंडेंट्स) की सुविधा का विशेष ध्यान रखते हुए, उन्होंने गैलरी जैसे प्रतीक्षारत क्षेत्रों में कूलर और पीने के साफ ठंडे पानी के लिए वाटर कूलर लगाने के भी निर्देश दिए। स्वच्छता और गरिमा बनाए रखने के लिए, जिलाधिकारी ने विशेष रूप से क्षतिग्रस्त शौचालयों के दरवाजों की तत्काल मरम्मत या बदलाव कराने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह चिल्ड्रन हॉस्पिटल न केवल प्रयागराज जनपद के लिए, बल्कि आस-पास के कई अन्य जिलों के मरीजों के लिए एक महत्वपूर्ण और भरोसेमंद चिकित्सा केंद्र है। इसलिए, यहाँ मरीजों की संख्या (पेशेंट लोड) काफी अधिक रहती है और सुविधाओं का उच्च स्तर बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। निरीक्षण के दौरान, जिलाधिकारी ने स्वयं वार्डों में जाकर भर्ती मरीजों और उनके साथ आए तीमारदारों से सीधा संवाद किया। उन्होंने मरीजों से मिल रहे उपचार और सुविधाओं के बारे में जानकारी ली और उनकी समस्याओं को धैर्यपूर्वक सुना।

सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, जिलाधिकारी ने सरकारी अस्पतालों में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव (MR), दलालों और निजी एम्बुलेंस के अनधिकृत प्रवेश पर कड़ा रुख अपनाया है। इस गंभीर विषय पर जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में विस्तृत चर्चा की गई। बैठक के उपरांत जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) और पांच प्रमुख सरकारी अस्पतालों को स्पष्ट एवं सख्त निर्देश जारी किए गए हैं कि उनके परिसर में किसी भी Medical Representative (MR), किसी भी प्रकार के दलाल या निजी एम्बुलेंस को दिखाई नहीं देना चाहिए, ताकि मरीजों को अनावश्यक रूप से निजी क्लीनिकों या महंगी दवाओं की ओर न धकेला जा सके और सरकारी सेवाओं का लाभ बिना किसी बिचौलिए के मिल सके।

इस नई व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू करने और यह सुनिश्चित करने की संपूर्ण जिम्मेदारी संबंधित स्वास्थ्य केंद्रों/अस्पतालों के प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों तथा विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्षों (HODs) पर तय की गई है। उन्हें निर्देशित किया गया है कि यदि इस संबंध में कोई भी समस्या या चुनौती आती है, तो वे तत्काल उच्च अधिकारियों को सूचित करें। अन्यथा, यदि अस्पताल परिसर के भीतर ऐसी कोई भी गैरकानूनी या अनधिकृत गतिविधि पाई जाती है, तो उसकी समस्त जिम्मेदारी सीधे उन्हीं पर तय की जाएगी और उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए पहले से ही व्यापक प्रयास किए गए हैं और कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। शेष जो अपेक्षित सुधार हैं, उन्हें भी सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए जल्द से जल्द प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा। प्रयागराज जिला प्रशासन स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुलभ, पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।