बौद्धिक सम्पदा अधिकारों के बढ़ते महत्व से रचनात्मक प्रयासों की रक्षा हुई : कुलपति
बौद्धिक सम्पदा अधिकारों के बढ़ते महत्व से रचनात्मक प्रयासों की रक्षा हुई : कुलपति

कानपुर, 26 अप्रैल (हि. स.)। ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में, सीएसजेएमयू ने विश्व बौद्धिक सम्पदा दिवस उत्सव के हिस्से के रूप में एक सप्ताह में 101 पेटेंट और 59 डिज़ाइन फाइल किए। इसके अतिरिक्त, पिछले एक वर्ष में विश्वविद्यालय ने कुल 359 पेटेंट और 65 डिज़ाइन फाइल किए, जो भारतीय विश्वविद्यालयों में अनुसंधान उत्कृष्टता और नवाचार के लिए एक मील का पत्थर साबित हो रहा है। यह बातें शनिवार को छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने विश्व बौद्धिक सम्पदा (आईपी) दिवस के अवसर पर कही।
कुलपति ने बताया कि उत्सव के हिस्से के रूप में दो प्रमुख कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। एक फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी) जो संबद्ध कॉलेजों के संकाय सदस्यों के लिए था, और एक आइडियाथॉन जो विश्वविद्यालय और इसके संबद्ध संस्थानों के छात्रों के लिए था। इन कार्यक्रमों ने आज के समाज में बौद्धिक सम्पदा अधिकारों (आईपीआर) के बढ़ते महत्व को उजागर किया। जिससे नवाचार को बढ़ावा मिला और रचनात्मक प्रयासों की रक्षा की गई। एफडीपी ने संकाय सदस्यों को बौद्धिक सम्पदा अधिकारों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी, जिससे उन्हें अकादमिक और शोध कार्यों में आईपीआर जागरूकता को शामिल करने के लिए सशक्त किया।
साथ ही, आइडियाथॉन में छात्रों ने अपनी नवाचारी और पेटेंट योग्य विचारों का प्रदर्शन किया, जो समाज में सकारात्मक प्रभाव डालने का लक्ष्य रखते हुए विश्वविद्यालयों को दिया। इन कार्यक्रमों ने आज के ज्ञान-आधारित समाज में बौद्धिक सम्पदा अधिकारों (आईपीआर) के बढ़ते महत्व को उजागर किया, जिससे नवाचार को बढ़ावा मिला और रचनात्मक प्रयासों की रक्षा की गई। यह उत्सव न केवल सीएसजेएमयू के लिए एक मील का पत्थर है, बल्कि यह विश्वविद्यालय की मजबूत नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र बनाने और रचनात्मकता और उद्यमिता की भावना को बढ़ावा देने के प्रति प्रतिबद्धता को भी पुनः पुष्टि करता है।
--आइडियाथॉन के विजेता रहे:
पहला पुरस्कार: जूही सिंह (क्राइस्ट चर्च कॉलेज) – ₹10,000 का नकद पुरस्कारदूसरा पुरस्कार: वर्तिका सचान (स्वास्थ्य विज्ञान विभाग ) – ₹6,000 का नकद पुरस्कारतीसरा पुरस्कार: शिवांसु सचान (होटल प्रबंधन विभाग ) – ₹4,000 का नकद पुरस्कार
कार्यक्रम में पुरस्कारों का वितरण अधिष्ठाता डॉक्टर शिल्पा कायस्था द्वारा एवं कार्यक्रम का संयोजन डॉ दिव्यांश शुक्ला, सहायक अधिष्ठाता एवं अनिल कुमार त्रिपाठी, इनक्यूबेशन मैनेजर द्वारा किया गया।