चलती गाड़ी से छलांग लगाने का मामला : चालक को नही सुनी थी युवतियों की आवाज

चलती गाड़ी से छलांग लगाने का मामला : चालक को नही सुनी थी युवतियों की आवाज

धर्मशाला, 05 मई (हि.स.)। धर्मशाला में बीते शनिवार रात को दो युवतियों के चलती गाड़ी से छलांग लगाने के मामले में पुलिस द्वारा गाड़ी चालक से पूछताछ के बाद पता चला कि उसे गाड़ी रोकने के लिए युवतियों की आवाज ही नही सुनी। पुलिस को दिए बयान में गाड़ी चालक ने बताया कि उस समय वह फोन पर बात कर रहा था जिसके चलते उसे युवतियों के गाड़ी रोकने के बारे में कुछ सुनाई नही दिया।

इसकी पुष्टि करते हुए एसएसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री ने बताया कि इस घटना के बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और युवतियों के बयान की जांच के आधार पर उक्त चालक को पूछताछ के लिए बुलाया था।

गौरतलब है हाल ही में एक सोशल मीडिया पोस्ट वायरल हुई जिसमें यह बताया गया कि तीन मई की देर रात को दो महिलाएं एक चलती हुई गाड़ी से कूद गईं। उन्होंने बताया कि जांच के दौरान यह पाया गया कि दोनों युवतियां एक अन्य राज्य से थीं और उन्होंने कोतवाली बाज़ार में अनमोल रेजीडेंसी के पास एक अज्ञात वाहन से लिफ्ट ली थी। जब वाहन कोतवाली बाज़ार के पास पहुंचा, तो उन्होंने चालक से वाहन रोकने को कहा। लेकिन चालक ने वाहन नहीं रोका, जिससे घबराकर दोनों युवतियां चलती गाड़ी से कूद गईं।

उसी दिन दोनों का चिकित्सीय परीक्षण कराया गया और कोई गंभीर चोट की सूचना नहीं मिली। पुलिस ने दोनों पीड़िताओं के लिखित बयान दर्ज किए और सीसीटीवी फुटेज की मदद से चालक की पहचान की। यह पाया गया कि वह चाक एक सरकारी (डीआरडीए) वाहन चला रहा था।

चालक को पूछताछ के लिए बुलाया गया, और उसने बताया कि वह गाड़ी चलाते समय फोन पर बात कर रहा था, जिससे उसे लड़कियों की आवाज़ सुनाई नहीं दी जब उन्होंने उसे रुकने के लिए कहा। इसकी पुष्टि की गई और महिला पीड़िताओं ने भी कहा कि चालक ने उनके साथ कोई अनुचित व्यवहार नहीं किया। यह घटना एक गलतफहमी के कारण हुई जब चालक ने उन्हें रुकने की बात नहीं सुनी।

दोनों महिलाओं ने चालक के खिलाफ शिकायत को आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया है और वे अपने गृह राज्य के लिए सुरक्षित रवाना हो गई हैं।

उधर इस सारे घटनाक्रम पर एसएसपी ने कहा कि जिला पुलिस क्षेत्र में प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा और संरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। यहां आने वाले किसी भी पर्यटक या अन्य लोगों को घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने यह भी आग्रह किया है कि सोशल मीडिया पर बिना पुलिस सत्यापन के अधूरी जानकारी साझा न करें। ताकि इन तरह का भ्रम न फैले।