गेल उत्कर्ष के 97 फीसदी छात्रों ने जेईई मेंस में मारी बाजी

गेल उत्कर्ष के 97 फीसदी छात्रों ने जेईई मेंस में मारी बाजी

गेल उत्कर्ष के 97 फीसदी छात्रों ने जेईई मेंस में मारी बाजी

कानपुर, 19 अप्रैल (हि.स.)। भारत सरकार की नव रत्न कंपनियों में से गेल इंडिया का शैक्षणिक संस्थान गेल उत्कर्ष लगातार गरीब मेधावी बच्चों का इंजीनियर बनने का सपना साकार कर रहा है। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी गेल उत्कर्ष कानपुर की शाखा में अध्ययनरत प्रतियोगी छात्रों ने जबरदस्त सफलता ​हासिल की है। यहां के 97 फीसदी छात्रों ने जेईई मेंस 2025 में बाजी मारी है। अब ये सभी छात्र एडवांस के लिए तैयारी करेंगे। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। पिछले सोलह साल में 2100 से ज्यादा छात्र यहां से शिक्षा हासिल कर चुके हैं।

गेल उत्कर्ष कानपुर के निदेशक आयुष गुप्ता ने शनिवार को प्रेस वार्ता कर कहा कि गरीब मेधावी छात्र उच्च संस्थानों से इंजीनियरिंग कर सके, इसको लेकर गेल उत्कर्ष पिछले 16 सालों से कानपुर परिक्षेत्र में कार्यरत है। इसके लिए संस्थान अपने स्तर पर पहले परीक्षा आयोजित करता है और परीक्षा में दक्ष 100 छात्रों को लिया जाता है। इसके बाद इन छात्रों को एक सत्र तक नि:शुल्क आवासीय शिक्षा एवं प्रशिक्षण दिया जाता है। इस दौरान छात्रों को खान पान से लेकर सभी प्रकार का खर्च गेल उत्कर्ष ही वहन करता है। बेहतर शिक्षा के कारण ही यहां का परिणाम हमेशा लगभग सौ प्रतिशत आता है।

यहां से शिक्षा ग्रहण करने के बाद देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज, आईआईटी या एनआईटी में प्रवेश लेते हैं। आंकड़ों के अनुसार अब तक लगभग एक हजार से अधिक यहां के छात्र आईआईटी व एनआईटी में प्रवेश पाकर देश के विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों में सेवाएं देते हुए दुनिया भर में देश का नाम रोशन कर रहे हैं।

बताया कि गेल उत्कर्ष पहल सीएसआरएल के सहयोग से 11 महीने की नि:शुल्क आवासीय शिक्षा एवं प्रशिक्षण दिया जाता है। गेल इंडिया के पथ प्रदर्शक में साल 2009 में गेल उत्कर्ष सुपर-100, कानपुर प्रोजेक्ट शुरु किया गया। कानपुर केंद्र की सफलता के बाद गेल ने हल्द्वानी 2018-19 में तो वहीं बनारस में 2021-22 में समान परियोजनाओं की शुरुआत की गई जो केवल लड़कियों के लिए समर्पित केंद्र है जहां मेडिकल और इंजीनियरिंग दोनों की तैयारी कराई जाती है।