प्रयागराज में सैंड आर्टिस्ट ने रेत पर उकेरी POK की भगवा छवि, POK को भगवा रंग में रंगकर भारत की अखंडता का संदेश"
प्रयागराज में सैंड आर्टिस्ट ने रेत पर उकेरी POK की भगवा छवि, POK को भगवा रंग में रंगकर भारत की अखंडता का संदेश"

पहलगाम में हुई दुखद घटना के बाद, जिसने पूरे देश में गहरा आक्रोश और दुख व्याप्त कर दिया है, धार्मिक और सांस्कृतिक नगरी प्रयागराज भी इस राष्ट्रीय भावना को व्यक्त करने में पीछे नहीं रहा। यहाँ के पवित्र संगम किनारे, जहाँ गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का मिलन होता है, सैंड आर्टिस्ट अजय और उनकी समर्पित टीम ने एक अत्यंत प्रभावशाली और अनूठी पहल की है।
इस टीम ने अपनी कला और भावना का उपयोग करते हुए, संगम तट की रेत पर एक विशाल और अर्थपूर्ण कलाकृति का निर्माण किया है। इस कलाकृति का केंद्रीय विषय पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) है, जिसे उन्होंने अत्यंत स्पष्टता और दृढ़ता के साथ भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग दर्शाया है। कलाकृति में POK वाले हिस्से को विशेष रूप से चमकीले भगवा रंग से रंगा गया है। यह रंग केवल एक रंग नहीं है, बल्कि यह भारतीयता, संस्कृति, अध्यात्म, बलिदान और सबसे बढ़कर भारत के राष्ट्रवाद तथा राष्ट्रीय गौरव का सशक्त प्रतीक है।
कलाकृति के साथ ही, सैंड आर्टिस्ट्स ने रेत पर बड़े अक्षरों में "POK लेके रहेंगे" जैसे सशक्त और संकल्प भरे नारे भी उकेरे हैं। ये नारे केवल शब्द नहीं हैं, बल्कि ये पूरे राष्ट्र के उस सामूहिक दृढ़ संकल्प और आकांक्षा को व्यक्त करते हैं कि भारत POK को वापस लेकर ही रहेगा।
सैंड आर्टिस्ट अजय ने अपनी इस रचनात्मक पहल के पीछे के गहन उद्देश्य को साझा करते हुए बताया कि इस रेत कला के माध्यम से वे सीमा पर तैनात देश के वीर सपूतों, हमारे सैनिकों का मनोबल बढ़ाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि POK को पूरी तरह से भगवामय करके, वे प्रतीकात्मक रूप से यह संदेश दे रहे हैं कि POK भारत की आत्मा का हिस्सा है और पूरा देश एक होकर सैनिकों के हर उस प्रयास का समर्थन करता है जो POK को वापस भारत में शामिल करने की दिशा में किया जा रहा है। यह कलाकृति एक प्रकार से सैनिकों के लिए पूरे राष्ट्र की ओर से दिया गया समर्थन पत्र है, जो यह बताता है कि हम भावनात्मक रूप से उनके साथ हैं।
यह रेत कलाकृति केवल एक सुंदर दृश्य नहीं है, बल्कि यह देशभक्ति की भावना को गहराई से जागृत करती है। यह POK की वर्तमान स्थिति और उसे भारत का हिस्सा बनाने की ऐतिहासिक, भौगोलिक और राष्ट्रीय आवश्यकता पर भी जोर deti है। पवित्र संगम पर आने वाले हजारों तीर्थयात्री और पर्यटक इस अद्भुत कलाकृति को देखकर रुक रहे हैं, इसकी तस्वीरें ले रहे हैं, और इसके पीछे छिपे संदेश को समझ रहे हैं। यह कलाकृति उन्हें देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता के प्रति जागरूक कर रही है और राष्ट्रीय मुद्दों पर सोचने के लिए प्रेरित कर रही है। इस प्रकार, यह रेत कलाकृति प्रयागराज से पूरे देश को एकता और राष्ट्रीय गौरव का संदेश दे रही है।